नैतिक मूल्य जीवन का आधार स्तंभ
महात्मा गांधी के अनुसार सात महापाप है- मेहनत के बिना धन ,अंतर आत्मा के बिना आनंद ,चरित्र के बिना ज्ञान, नैतिक मूल्यों के बिना व्यापार ,इंसानियत के बिना विज्ञान ,त्याग के बिना धन ,सिद्धांतों के बिना राजनीति. हमें याद रखना चाहिए कि नैतिक मूल्य ,अच्छी आदतें और सदगुण पैदाइशी नहीं होते वे सीखे जाते हैं. जीवन को आकार देने के लिए हमें अपनी प्राथमिकताएं निर्धारित करनी पड़ती हैं. एक पुरानी कहावत है"अगर पैसा चला गया तो समझो कुछ नहीं गया, अगर स्वास्थ्य चला गया तो समझो कुछ गया ,लेकिन यदि चरित्र चला गया तो समझो सब कुछ चला गया" व्यक्ति का चरित्र अमूल्य है इसके बिना मनुष्य का जीवन बेकार है. पैसा हर काम की कीमत नहीं होता. युवा पीढ़ी जो मूल्यों को सीखें बगैर दौलत विरासत में पा लेती है बिना सही शिक्षा और दिशा निर्देशन के वह हर चीज को पैसे से तोलते हैं. वह मानते हैं कि हर चीज बिकाऊ है और हर चीज की कीमत है वास्तव में यह सच नहीं है. वह लोग जिनका जीवन मूल्यों पर आधारित है वह बिकाऊ नहीं होते और ना ही वह अपनी कोई कीमत लगाते हैं. लोग रातों-रात सफल होना चाहते हैं चाहे फिर उन्हें अपनी आत्मा को ह...