जीवन पथ

जीवन की ये राहें, ले जाएंगी कहां?
क्या होगा वहां?
 नदी ,झील ,दुर्गम पहाड़ी या कोई शीतल झरना?
नहीं जानता है कोई.

बस चलना है ,हर हाल में चलना है.
चाहे पैर हो लहूलुहान,
या हो पथ फूलों का सुखमय महान.

किस राह पर क्या मिलेगा?
इससे हैं हम अनजान.
 हर हाल में चलते जाना वही तो है इंसान.

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