यह जीवन है

हो सकता है अपने कदमों के निशान छोड़ ना पाए हम,
लेकिन इस डर से चलना तो छोड़ नहीं सकते |

यह माना कि अनहोनी पर जोर नहीं अपना,
पर ऐसा भी क्या ?
किसी के आंसू पोछ नहीं सकते |

माना हर सपना पूरा नहीं होता इस जहां में,
इस डर से अपना सपना तो छोड़ नहीं सकते |

मौत तो आनी है हर किसी को एक दिन ,
मौत के डर से जीना तो छोड़ नहीं सकते  |

जाने के बाद इस जहां से याद रहे ना हमारी,
इस डर से हर रिश्ता तो तोड़ नहीं सकते  ?

खाली हाथ आए थे खाली हाथ जाएंगे ,
पर ! कर्तव्य पथ पर चलना तो छोड़ नहीं सकते |

यह जीवन है संघर्ष के पथ पर चलना ही पड़ेगा ,
बाधाओं के डर से निर्णय से मुख मोड़ नहीं सकते |

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