हम भारत के लोग
अपने बारे में बात करना किसे अच्छा नहीं लगता आइए आज हम अपने बारे में बात करते हैं. हम भारत के लोग सबसे पहले और सबसे ज्यादा सरकार को कोसते हैं लेकिन सरकार द्वारा दी गई सुविधाओं का ना केवल दुरुपयोग करते हैं बल्कि उन्हें नुकसान भी पहुंचाते हैं. हम बिजली ना होने की शिकायत करते हैं लेकिन बिजली चोरी के लिए हर जुगाड़ लगाने के लिए तैयार रहते हैं. हम साफ-सफाई का रोना रोते हैं लेकिन अपने घर का कचरा सड़क पर फेंकने से नहीं हिचकते पान और गुटखा खाकर दीवार पर थूकना और सार्वजनिक इमारत के सुनसान स्थान पर मूत्र त्याग करना हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है
हम नदियों और पहाड़ों को भी पूजते हैं लेकिन हमने इनका इतना दोहन किया है कि इनका अस्तित्व ही खतरे में पड़ गया है. जंगल खत्म होते जा रहे हैं और नदियां सूखती जा रही है.
हम समाज में व्याप्त भ्रष्टाचार की बात करते हैं लेकिन हम में से कितने ही ऐसे हैं जो सुबह केवल इसलिए उठते हैं ताकि पड़ोसी के बगीचे से भगवान को चढ़ाने के लिए फूल चुरा सकें.
यह सब तो कुछ भी नहीं है हमारे देश में स्त्री को देवी के रूप में पूजा जाता है उसे शक्ति का स्वरूप माना जाता है लेकिन हम बेटियों को गर्भ में ही मार देते हैं हमारा नैतिक बल यहीं समाप्त नहीं होता अगर उन्हें किसी तरह जीने का मौका मिल जाए तो हमारे बीच ऐसे अनगिनत नरपिशाच मौजूद हैं जो उन्हें नोचने के लिए घात लगाए बैठे होते हैं फिर चाहे वह एक मासूम बच्ची हो या किसी की दादी नानी.
हम परोपकार की बातें करने वाले महान भारतीय कभी भी किसी दुर्घटना स्थल पर रुक कर पीड़ित की मदद नहीं करते केवल इस डर से की पुलिस के चक्कर में कौन पड़े और छोड़ देते हैं मरने के लिए. यह सब हमारे कुछ खास गुण हैं जो कहीं और नहीं मिलेंगे.
हम नदियों और पहाड़ों को भी पूजते हैं लेकिन हमने इनका इतना दोहन किया है कि इनका अस्तित्व ही खतरे में पड़ गया है. जंगल खत्म होते जा रहे हैं और नदियां सूखती जा रही है.
हम समाज में व्याप्त भ्रष्टाचार की बात करते हैं लेकिन हम में से कितने ही ऐसे हैं जो सुबह केवल इसलिए उठते हैं ताकि पड़ोसी के बगीचे से भगवान को चढ़ाने के लिए फूल चुरा सकें.
यह सब तो कुछ भी नहीं है हमारे देश में स्त्री को देवी के रूप में पूजा जाता है उसे शक्ति का स्वरूप माना जाता है लेकिन हम बेटियों को गर्भ में ही मार देते हैं हमारा नैतिक बल यहीं समाप्त नहीं होता अगर उन्हें किसी तरह जीने का मौका मिल जाए तो हमारे बीच ऐसे अनगिनत नरपिशाच मौजूद हैं जो उन्हें नोचने के लिए घात लगाए बैठे होते हैं फिर चाहे वह एक मासूम बच्ची हो या किसी की दादी नानी.
हम परोपकार की बातें करने वाले महान भारतीय कभी भी किसी दुर्घटना स्थल पर रुक कर पीड़ित की मदद नहीं करते केवल इस डर से की पुलिस के चक्कर में कौन पड़े और छोड़ देते हैं मरने के लिए. यह सब हमारे कुछ खास गुण हैं जो कहीं और नहीं मिलेंगे.
Nice soch.
ReplyDeleteYes , very promotive and motivational
DeleteEven if all the indian people have embedded the you perfection and mastery in the way of thinking about agendas and national problems believe me india will become a developed country the same day when all of its citizens have the same mindset as yours . Keep it up👌👌❤❤
ReplyDeleteसराहना के लिए शुक्रिया
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