आधी आबादी और पर्दा प्रथा
जब हम पर्दे की बात करते हैं तो यह एक कपड़े का आवरण भर नहीं होता. जिससे औरत का चेहरा ढक जाता है बल्कि यह एक ऐसा आवरण है जिससे उसका पूरा अस्तित्व और पहचान ढक जाती है. उसके गुड और अधिकार भी ढक जाते हैं, जो प्रकृति द्वारा उसे प्रदत्त है और एक सभ्य समाज ने कानून के रूप में हर स्त्री को प्रदान किया है यह एक पतला सा आवरण स्त्री जाति को को एक ऐसी खाई में धकेलता है जहां से उसका पूरी तरह से सामाजिक और मानसिक पतन हो जाता है और वह हर बुरी से बुरी स्थिति को भी अपनी नियति मानकर स्वीकार कर लेती है और उसका प्रतिकार तक नहीं करती.
पर्दा एक इस्लामी शब्द है जो अरबी भाषा से फारसी भाषा में आया इसका अर्थ है ढकना या अलग करना. भारत में पर्दा प्रथा इस्लाम की देन है इस्लाम के प्रभाव से तथा इस्लामी आक्रमण के समय खुद के बचाव के लिए हिंदू स्त्रियों ने पर्दे को स्वीकार किया मुगल शासकों के समय में पर्दा प्रथा ने अपनी जड़ों को और गहराई में विस्तृत किया. ईशा से 500 वर्ष पूर्व रचित निरुक्त में पर्दा प्रथा का कोई साक्ष्य नहीं मिलता. प्राचीन वेदों में भी पर्दा प्रथा का कोई उल्लेख नहीं मिलता, अजंता तथा सांची की कलाकृतियों में भी पर्दे के कोई साक्ष्य नहीं मिलते यहां तक की 10 वीं शताब्दी के प्रारंभ तक भारतीय राजपरिवारों की स्त्रियां बिना पर्दे के बाहर भ्रमण करती थी यह वर्णन स्वयं एक अरबी यात्री अबू जैद ने अपने लेख में किया है .
पुरुषवादी सोच और श्रेष्ठता को परिभाषित करने वाली पर्दा प्रथा स्त्री जाति का सत्यानाश ही कर दिया. एक होती है शारीरिक गुलामी और दूसरी होती है मानसिक गुलामी जब किसी व्यक्ति को बलपूर्वक बंधक बनाया जाता है तब वह उससे छूटने का प्रयत्न करता है लेकिन अगर हम किसी को मानसिक तौर पर बंधक बना ले तो फिर हमें किसी भी प्रकार के बल प्रयोग की आवश्यकता ही नहीं पड़ती . पर्दे, बुर्के और घूंघट का यही उपयोग है यह उन्हें मानसिक गुलामी की ओर ले जा कर एक अबला नारी बनाता है. आत्मविश्वास की घोर कमी और व्यवहारिक जीवन की अज्ञानता उन्हें हमेशा ही पीड़ित करती हैं जिसकी वजह से जीवनपर्यंत उनका शोषण होता है और उन्हें इस बात का एहसास भी नहीं होता है. जब धर्म के ठेकेदार और सामाजिक पुलिस नैतिकता का जामा पहनाकर स्त्री को नियंत्रित करने की कोशिश करते हैं तो इसके पीछे उनकी पुरुषवादी सोच और खुद के नारी से श्रेष्ठ होने की भावना होती है नाकी नारी के प्रति उनकी सम्मान की भावना. अगर स्त्री को सच में सबल और समर्थ बनाना है तो उसे हर प्रकार की रूढ़िवादी परंपराओं से ऊपर उठकर हर क्षेत्र में समान अवसर प्रदान करने की आवश्यकता है बाकी का कार्य नारी स्वयं कर लेगी.
पर्दा एक इस्लामी शब्द है जो अरबी भाषा से फारसी भाषा में आया इसका अर्थ है ढकना या अलग करना. भारत में पर्दा प्रथा इस्लाम की देन है इस्लाम के प्रभाव से तथा इस्लामी आक्रमण के समय खुद के बचाव के लिए हिंदू स्त्रियों ने पर्दे को स्वीकार किया मुगल शासकों के समय में पर्दा प्रथा ने अपनी जड़ों को और गहराई में विस्तृत किया. ईशा से 500 वर्ष पूर्व रचित निरुक्त में पर्दा प्रथा का कोई साक्ष्य नहीं मिलता. प्राचीन वेदों में भी पर्दा प्रथा का कोई उल्लेख नहीं मिलता, अजंता तथा सांची की कलाकृतियों में भी पर्दे के कोई साक्ष्य नहीं मिलते यहां तक की 10 वीं शताब्दी के प्रारंभ तक भारतीय राजपरिवारों की स्त्रियां बिना पर्दे के बाहर भ्रमण करती थी यह वर्णन स्वयं एक अरबी यात्री अबू जैद ने अपने लेख में किया है .
पुरुषवादी सोच और श्रेष्ठता को परिभाषित करने वाली पर्दा प्रथा स्त्री जाति का सत्यानाश ही कर दिया. एक होती है शारीरिक गुलामी और दूसरी होती है मानसिक गुलामी जब किसी व्यक्ति को बलपूर्वक बंधक बनाया जाता है तब वह उससे छूटने का प्रयत्न करता है लेकिन अगर हम किसी को मानसिक तौर पर बंधक बना ले तो फिर हमें किसी भी प्रकार के बल प्रयोग की आवश्यकता ही नहीं पड़ती . पर्दे, बुर्के और घूंघट का यही उपयोग है यह उन्हें मानसिक गुलामी की ओर ले जा कर एक अबला नारी बनाता है. आत्मविश्वास की घोर कमी और व्यवहारिक जीवन की अज्ञानता उन्हें हमेशा ही पीड़ित करती हैं जिसकी वजह से जीवनपर्यंत उनका शोषण होता है और उन्हें इस बात का एहसास भी नहीं होता है. जब धर्म के ठेकेदार और सामाजिक पुलिस नैतिकता का जामा पहनाकर स्त्री को नियंत्रित करने की कोशिश करते हैं तो इसके पीछे उनकी पुरुषवादी सोच और खुद के नारी से श्रेष्ठ होने की भावना होती है नाकी नारी के प्रति उनकी सम्मान की भावना. अगर स्त्री को सच में सबल और समर्थ बनाना है तो उसे हर प्रकार की रूढ़िवादी परंपराओं से ऊपर उठकर हर क्षेत्र में समान अवसर प्रदान करने की आवश्यकता है बाकी का कार्य नारी स्वयं कर लेगी.
आपके उच्च विचार जानकार मन प्रसन्न हो गया । ❤❤👌👌
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